खूनी महल - हिंदी हॉरर फिल्म 1987
खूनी महल फ़िल्म का निर्माण 1987 में हुआ था जिसके निर्देशक थे मोहन भाकरी और मुख्य कलाकार थे शोमा आनन्द, नीलम मेहरा,हुसैन खान,रज मुराद,जावेद खान और किरण कुमार
फ़िल्म की कहानी कुछ ऐसी है कि फ़िल्म में एक गॉव में एक जमींदार रहता है जिसके शरीर मे एक रात एक बुरी आत्मा प्रवेश कर जाती है और वो शैतान बन जाता है जिसके बाद वो लोगो की हत्या करना शुरू कर देता है।
जब गॉव वालो को ये बात मालूम चलती है तो वो सब मिलकर जमींदार को पीट कर एक गड्ढे में दफना देते हैं और तब उसकी आत्मा ऐलान करती है कि जो कोई इस महल में आएगा तो उसे मार डालेगा फिर गाँव वाले उस जगह को छोड़ कर चले जाते हैं
उसके बाद जो कोई उस महल में भूले भटके आ जाता है वो इस शैतान का शिकार हो जाता है
बाद में कुछ लड़के लड़कियों के एक ग्रुप भी उसी महल में आकर रुकता और उनके पीछे पीछे कुछ अपराधी भी वहां आ जाते हैं और बाद में शैतान एक एक करके उन लोगो को मारने लगता है
फ़िल्म के आखिर में आग लगाकर उस शैतान को समाप्त कर दिया जाता है और नई सुबह का सूरज उगता है और फ़िल्म समाप्त होती है
फ़िल्म की कहानी कुछ ऐसी है कि फ़िल्म में एक गॉव में एक जमींदार रहता है जिसके शरीर मे एक रात एक बुरी आत्मा प्रवेश कर जाती है और वो शैतान बन जाता है जिसके बाद वो लोगो की हत्या करना शुरू कर देता है।
जब गॉव वालो को ये बात मालूम चलती है तो वो सब मिलकर जमींदार को पीट कर एक गड्ढे में दफना देते हैं और तब उसकी आत्मा ऐलान करती है कि जो कोई इस महल में आएगा तो उसे मार डालेगा फिर गाँव वाले उस जगह को छोड़ कर चले जाते हैं
उसके बाद जो कोई उस महल में भूले भटके आ जाता है वो इस शैतान का शिकार हो जाता है
बाद में कुछ लड़के लड़कियों के एक ग्रुप भी उसी महल में आकर रुकता और उनके पीछे पीछे कुछ अपराधी भी वहां आ जाते हैं और बाद में शैतान एक एक करके उन लोगो को मारने लगता है
फ़िल्म के आखिर में आग लगाकर उस शैतान को समाप्त कर दिया जाता है और नई सुबह का सूरज उगता है और फ़िल्म समाप्त होती है
Comments
Post a Comment